Friday 11 July 2014

झूठा प्रेम

 जिससे जितना प्यार करोगे उससे उतना ज्यादा नफ़रत भी करोगे। और आपने अभी ये भी बोला कि एक बेटी है, उसका पिता उससे बहुत ज्य़ादा प्यार करता है, यदि वो भाग जाएगी तो उसको मार भी डालेगा। लेकिन वो प्यार नहीं है। क्यों सर?

हमारा प्रेम ऐसा ही है। देखो दो चीज़ें हैं- एक तो ये कि वास्तव में प्रेम क्या है और दूसरा ये कि हमने किसको प्रेम का नाम दे रखा है।

हमने सब झूठी चीज़ों को प्रेम का नाम दे दिया है।

मुझे तुमसे एक आकर्षण हो गया क्योंकि मेरी एक ख़ास उम्र है और तुम्हारी भी एक ख़ास उम्र है, और इस उम्र में शरीर की ग्रंथियाँ सक्रिय हो जाती हैं। सीधे-सीधे ये एक शारीरिक आकर्षण है, यौन आकर्षण है।

मैं इसको क्या नाम दे देता हूँ? मैं बोल दूंगा कि ये प्रेम है। क्या ये प्रेम है? पर नाम हम इसे प्रेम का ही देंगे। अभी बीता था वैलेंटाइन्स डे। तो प्रेम है।

प्रेम है क्या? क्या वास्तव में प्रेम है?

अगर प्रेम है तो यही प्रेम आठ की उम्र में क्यों नहीं हुआ? इसलिए नहीं हुआ क्योंकि तुम्हारी ग्रंथियाँ ही सक्रिय नहीं थीं, तब तुम्हारी ये शारीरिक ग्रंथियाँ सक्रिय नहीं थीं, यौन ग्रंथियाँ। अब सक्रिय हैं।

इसी तरीक़े से जब बच्चा पैदा होता है, माँ का उससे मोह है। उस मोह को ‘ममता’ का नाम दिया जाता है। ‘मम’ शब्द का अर्थ समझते हो? ‘मम’ माने मेरा। ममता का अर्थ भी प्रेम कतई नहीं है, ममता का अर्थ है चीज़ मेरी है इसलिए मुझे पसंद है। पर हम उसे क्या नाम दे देते हैं? हम कह देते हैं माँ का बेटे से प्रेम है। वो प्रेम नहीं है, वही बच्चा जिससे आज उसको इतनी ममता है, छह महीने बाद पता चले कि बच्चा अस्पताल में बदल गया था तो क्या करेगी वो? इसी बच्चे को उठा कर के कहेगी कि मेरा बच्चा बदल कर लाओ। होगा के नहीं होगा? क्या ऐसा नहीं होता? छह महीने बाद अगर माँ को पता चले बच्चा बदल गया था तो क्या इसी को रखे रहेगी या अपने वाले को ले आयेगी? अगर वो मिल जायेगा तो उसको को ले आयेगी।



1 comment:

  1. madam ji agar logic dikho tho duniya goal nahi agar logic daikho tho bhagwan nahi hota .............. etc har cheej logic nahi hoti aap ke sare blog daikhe maine sub ache hai par pyaar mai bahut kuch hota hai aur sacha pyaar kya hota hai ye maa ya pitha se jyada koi nahi bata sakta agar ladki ghar se bhag jae to pitha aur maa hi hote hai jo thode wakt tak gussa tho hote hai par apne santaan ko maaf kar daite hai... ha agar aap ko mujhse koi sikayat hai ya mare sabd galat lage ho tho sorry ar agar gussa ho tho ye hai email id sauk se gussa utar sakte hai hridesh_25_kumar@yahoo.com

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